Sanskrit Alphabets by Mani
संस्कृत भाषा की वर्णमाला को “माहेश्वर सूत्र” के नाम जाना जाता है ।
महेश्वर सूत्रों की संख्या १४ है ।
शिव जी के डमरू से उत्पन्न ध्वनि से प्राप्त होने के कारण इन सूत्रों को महेश्वर सूत्र कहा जाता है । इस बात को नन्दिकेश्वर की कारिकाओं में कहा गया है-
नृत्तावसाने नटराजराजो ननाद ढक्कां नवपंचवारम् ।
उद्धर्तुकामः सनकादिसिद्धानेतद्विमर्शे शिवसूत्रजालम् ॥इति
पाणिनिशिक्षा में भी कहा गया है -
‘येनाक्षरसमान्मायमधिगम्य महेश्वरात् ।
कृत्स्नं व्याकरणं प्रोक्तं तस्मै पाणिनये नमः॥ इति
महेश्वर सूत्र -
अइउण् १ । ऋलृक् २ ।
एओङ् ३ । ऐऔच् ४ ।
हयवरट् ५ । लण् ६ ।
ञमङणनम् ७ । झभञ् ८ ।
घढधष् ९ । जबगडदश् १० ।
खफछठथचटतव् ११ । कपय् १२ ।
शषसर् १३ । हल् १४ ।
इन १४ सूत्रों को अक्षर समाम्नाय एवं वर्ण समाम्नाय भी कहा जाता है ।
संस्कृत में स्वरों के अच् प्रत्याहार में आने के कारण स्वरों को अच् कहा गया है ।
इसी प्रकार सभी व्यञ्जनों के हल् प्रत्याहार में आनें से व्यञ्जनों को हल् कहा गया है ।
स्वर एवं व्यञ्जन
स्वर - अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ
व्यंजन - ह य व र ल ञ म ङ ण न झ भ घ ढ ध ज ब ग ड द ख फ छ ठ थ च ट त क प श ष स ह ॥इति
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